Tuesday, August 19, 2008
आखिर हो क्या गया है भारतीय खिलाडि़यों को?
भारतीय क्रिकेट टीम श्रीलंका दौरे पर अभी तक पूरी तरह से फ्लॉप रही है। टेस्ट सीरीज 2-1 से हारने के बाद इंडियन टीम रनगिरी डांबुला में खेला गया पहला वनडे मैच भी गवां चुका है। भारतीय उम्मीदों को उस समय करारा झटका लगा जब सेहवाग चोटिल होकर पूरे सीरीज से बाहर हो गए। इस तरह से बाकी बची उम्मीदें भी सेहवाग के साथ स्वदेश रवाना हो गई है। वैसे इस सीरीज ने श्रीलंका को मेंडिस के रूप में एक ऐसा स्टार दिया है जो अपनी लोकप्रियता से मुरलीधरन जैसे खिलाड़ी को पीछे छोड़ दिया है। एशिया कप फाइनल से लेकर आइडिया कप सीरीज के पहले मैंच तक भारतीय टीम इस अबूझ स्पिनर के घूमती हुई गेंदों को बूझने में पूरी तरह से विफल रहा है। यह नया नवेला छोकरा अपनी सटीक फ्लिपर से अपार अनुभवी राहुल लक्ष्मण और सचिन सरीखे दिग्गज बल्लेबाजों को मात दे रहा है। शायद भारतीय बल्लेबाज भी मेंडिस को आक्रमण पर देखकर सहम से जाते है और सामना करने के बजाय आसानी से घुटने टेक देते है। आखिर है क्या इस मेंडिस में ? शेन वार्न, मुरलीधरन और डेनियल विटोरी जैसे टॉप स्पिनर का सामना कर भारतीय बल्लेबाजों ने इनके खिलाफ रन भी बटोरे है। तो मेंडिस को समझने में क्या दिक्कत है। बैरहाल विस्फोटक सेहवाग के बिना भारतीय टीम बाकी बचे चार मैचों में क्या करेगी यह तो वक्त बतायेगा लेकिन मै भारतीय होने के नाते आशा करता हूं कि इंडियन टीम वनडे सीरीज जीत कर ही स्वदेश लौटेगी। फिलहाल मेंरी आशा भारतीय रत्न धोनी और युवराज पर ही टिकी हुई है, कुछ हद तक रैना व रोहित पर भी।
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