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Wednesday, October 8, 2008

क्‍या बोलते हो बॉर्डर साहब?

ये क्या बोल दिया बॉर्डर साहब। बिना सोचे समझे कह डाला कि भारतीयों ने बूढ़ों की सेना चुन ली है। अरे भइया,आपने हिन्दुस्तानी फिल्म 'वक्त' नहीं देखी न, तभी कह बैठे ऐसा।
उस फिल्म में राजकुमार का डायलॉग था-जानी,जिनके घर शीशे के होते हैं,वो दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंका करते। पर,हमारे घर तो शीशे के भी नहीं है,सॉलिड एसीसी सीमेंट के हैं,फिर काहे पत्थर मारा आपने।
आपने कह दिया कि बूढ़ों की सेना को अभी तक सही मायने में संन्‍यास ले लेना चाहिए था। लेकिन, जनाब हमारी टीम में तो सचिन तेंदुलकर,राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्‍मण, सौरव गांगुली और अनिल कुंबले जैसे खिलाड़ी ही हैं, जिनकी उम्र 30 के ऊपर है। लेकिन बॉर्डर साहब आपने शायद यह नहीं देखा कि आपकी टीम में तो आठ खिलाड़ी ऐसे है, जिनकी उम्र 30 के उपर है। (मैथ्‍यू हेडेन,रिकी पोंटिंग,स्‍टुअर्ट क्‍लार्क,ब्रै‍ड हैडिन,माइकल हसी,ब्रूस मैक्‍गेन,साइमन काटिच और ब्रेटली)। भइया, इनकी उम्र 30 के ऊपर है,और इस लिहाज से तो इन खिलाडि़यों को अब तक संन्‍यास ले लेना चाहिए था।

रही बात गांगुली की तो उनकी उम्र मैथ्‍यू हेडेन से 253 दिन कम ही है ज्‍यादा नहीं। और तो और जब आप ब्रूस मैक्‍गेन जैसे खिलाड़ी,जिनकी उम्र 36 साल से भी ऊपर है,को टेस्‍ट डेब्‍यू करा सकते हो तो हम अपने खिलाडि़यों को और मौका नहीं दे सकते हैं क्‍या।सब की तो छोड़ो, जब आप खुद 39 साल की उम्र तक टेस्‍ट क्रिकेट खेल सकते हैं तो दूसरा क्‍यों नहीं खेल सकता भाई।रही बात फैब फाइब के संन्‍यास लेने की तो उन्‍हें भली भांति पता है कि कब क्रिकेट को अ‍‍लविदा कहना है।

बॉर्डर भइया,हमारी तो एक ही सलाह है आपको। वो ये कि बगैर कुछ बोले दो बेहतरीन टीमों के बीच होने वाले टेस्‍ट मैच का लुफ्त ऊठाओ। कौन खिलाड़ी बूढा है, कौन जवान है, इससे हमको आपको क्‍या लेना देना। बाकी आप खुद इतने समझदार है और क्‍या समझाया जाए। खैर अगर बुरा लगे तो गुस्‍ताखी माफ बॉर्डर साहब।

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