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Friday, November 28, 2008

सफलता के नये आयाम गढ़ती टीम इंडिया


भारतीय क्रिकेट टीम इस समय अपने पूरे शबाब पर है। खेल के हर क्षेत्र में वे अपने विपक्षियों पर कहीं ज्‍यादा भारी पड़ रहे हैं। गेंदबाज हो या बल्‍लेबज वे अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। इन सब के बीच भारतीय टीम में जो जीत की ललक दिख रही है वो कहीं न कहीं भारतीय क्रिकेट टीम के बदलते सुहावने समय का एहसास करा रही है।

मुकेश तिवारी

भारतीय टीम को मौजूदा समय की सबसे सफल टीम कहें तो इसमें कोई बुराई नहीं। इस समय भारतीय टीम धोनी की अगुवई में सफलता के झंडे गाड़ रही है। भारतीय टीम की इस सफलता का राज है एकजुट होकर विपक्षियों को मात देना। और इसका श्रेय जाता है कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी को। मैदान के अंदर धोनी की एक एक रणनीति विपक्षियों पर इस कदर भारी पड़ रही है कि मजबूत होते हुए भी सामने वाली टीम कमजोर नजर आने लगती है।

अगर हम भारत दौर पर आई इंग्‍लैंड क्रिकेट टीम को देखें तो बात साफ हो जाती है। केविन पीटरसन, एंड्रयू फ्लिंटाफ,पॉल कोलिंगवुड और इयान बेल जैसे बल्‍लेबाज इस दौरे पर अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन करने में असफल रहे। वहीं उनके गेंदबाजी अक्रमण में भी वो धार नहीं दिखी जिसके लिए उन्‍हें जाना जाता है।
भारतीय टीम इस सफलता का राज यह भी है कि जो भी खिलाड़ी अंतिम एकादश में शामिल होता है वो उस मैच में अपनी पूरी क्षमता के साथ खेलता है। चाहे बल्‍लेबाज हो या गेंदबाज सब अपनी उपयोगिता को साबित करने में लगे हुए नजर आते हैं। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि भारत के पास मौजूदा समय में अच्‍छे खिलाडि़यों की कमी नहीं है। अगर हम बेंच स्‍ट्रेंथ की बात करें तो उनके पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो काफी प्रतिभावान हैं। ऐसे में उन्‍हें पता होता है‍ कि हमने अच्‍छा नहीं किया तो दूसरे किसी को मौका मिल सकता है। लिहाजा टीम में बने रहने के लिए अच्‍छा खेलना ही होगा।
हम भारतीय सफलता की बात करें तो ये बात उभर कर सामने आती है कि इस समय भारत की मौजूदा वनडे टीम काफी मजबूत और सशक्‍त नजर आती है। खास कर जो भारत की सबसे कमजोर पक्ष हुआ करती थी फिल्डिंग वो काफी हद तक मजबूत हो गयी है। रही बात बैटिंग लाइनअप की तो भारत के सामने इसका कोई सानी नहीं। जिसके पास वीरेंद्र सहवाग,सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर जैसा ओपनर मौजूद हो भला उस टीम के कप्‍तान को और क्‍या चाहिए। रही बात मिडिल आर्डर की तो युवराज सिंह,सुरेश रैना,रोहित शर्मा और खुद कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ी शामिल है जो अपने काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। और पिच हिटर के तौर पर अपने यूसुफ मियां भी किसी से कम नहीं।
बल्‍लेबाज तो अपना काम कर ही रहे है लेकिन गेंदबाज भी इनसे कम नहीं है। जहीर खान की अगुवई में मुनाफ पटेल और ईशांत शर्मा भी अच्‍छा प्रदर्शन कर रहे हैं। रही बात स्पिन डिपार्टमेंट की तो भारतीय टीम के सिंह इज किंग यानी हरभजन सिंह के साथ युवराज सिंह भी अच्‍छी लय में गेंदबाजी कर रहे हैं।

ऑस्‍ट्रेलिया को टेस्‍ट सीरीज में पीटने के बाद भारत ने इंग्‍लैंड को वनडे सीरीज में 5-0 से हराकर ये बता दिया कि आने वाला समय उनका है। दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम को हराने के बाद भारत आयी इंग्‍लैंड टीम की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। इस पूरी सीरीज के दौरान ऐसा कभी नहीं लगा कि इंग्‍लैंड की टीम मैच को जीतने के लिए मैदान में उतरी है। हालाकि कटक में एक बारगी ऐसा लगा कि इंग्‍लैंड इस मैच को जीतना चाहती है। लेकिन विस्‍फोटक सहवाग ने इंग्‍लैंड के जोश को ठंडा कर दिया।

पिछले कुछ महीनों में गौर करें तो पता चलता है‍ कि भारतीय टीम ने वनडे मुकाबलों में अच्‍छा प्रदर्शन किया है। खास कर ऑस्‍ट्रेलिया और श्रीलंका में भारत ने जिस तरह से खेला वह काबिलेता‍रीफ है। उसके बाद अपने घर में ऑस्‍ट्रेलिया को टेस्‍ट सीरीज में मात देने के बाद इंग्‍लैंड को वनडे सीरीज में एकतरफा 5 मैचों में हराने के बाद टीम इंडिया के हौसले इस समय बुलंदियों पर है। इस हौसले और जीत के जज्‍बे को भारतीय क्रिकेट टीम 2011 वर्ल्‍ड कप तक जरूर कायम रखना चाहेगी।


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