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Tuesday, September 16, 2008

श्रीलंका से निराश, अब ऑस्‍ट्रेलिया से है आस



76 रन और सचिन रमेश तेंदुलकर टेस्‍ट मैचों में रनों के मामले में शीर्ष पर काबिज हो जाएंगे। उम्‍मीद तो श्रीलंका के खिलाफ पिछली सीरीज में भी थी, लेकिन अब उनके निशाने पर ऑस्‍ट्रेलिया की विश्‍व चैंपियन टीम है।


मुकेश तिवारी


जी हां, शायद यही सोच रहे होंगे सचिन तेंदुलकर आजकल। श्रीलंका के खिलाफ पिछली टेस्‍ट सीरीज में तो उनका बल्‍ला कुछ ऐसा रूठा कि ब्रायन लारा के टेस्‍ट मैचों में सबसे ज्‍यादा रनों के रिकॉर्ड का पीछा करते वहां पहुंचे सचिन मन मसोस कर ही रह गए। लेकिन उम्‍मीदें अभी कायम हैं। वे जरूर यह सोच रहे होंगे कि अपने पसंदीदा टीम यानी ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ उनकी बल्‍लेबाजी फिर से परवान चढेगी और लारा का रिकॉर्ड पहले पायदान से एक सीढी नीचे उतरकर दूसरे नंबर पर पहुंच जाएगा।

सचिन का यह सोचना शायद ला‍जिमी भी हो क्‍यों कि श्रीलंका में यह मास्‍टर अपने बल्‍ले से ब्‍लास्‍ट करने में पूरी तरह असफल रहा। इस बीच काफी कुछ गुजर गया। टेस्‍ट सीरीज हारने के बाद भारत की युवा वनडे टीम ने एकदिवसीय श्रृंखला जीत ली और टेस्‍ट टीम के दिग्‍गज खिलाडि़यों को कटघरे में खड़ा कर दिया। आलोचकों ने अनुभवी खिलाडि़यों पर निशाना साधा ओर सौरव गांगुली को शेष भारत की टीम से बाहर कर दिया गया। लेकिन सचिन तो आखिर सचिन हैं। उन्‍होंने अपने दो दशक लंबे अंतरराष्‍ट्रीय करियर में कभी भी आलोचनाओं का जवाब मुंह से नहीं दिया। सचिन जब भी बोलते हैं, तो उनका बल्‍ला बोलता है और आगामी ऑस्‍ट्रेलिया टेस्‍ट सीरीज में पिछली नाकामियों को भूलकर यह सितारा एक बार फिर अपनी चमक बिखेरने को जरूर उत्‍सुक होगा।

वैसे अगर देखा जाए तो ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ सचिन का बल्‍ला खूब चला है। क्रिकेट के दोनों संस्‍करणों, टेस्‍ट व वनडे मैचों में सचिन ने दोनों टीमों की तरफ से सर्वाधिक रन ठोंके है। इस धाकड़ बल्‍लेबाज ने ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ 25 टेस्‍ट मैचों की 47 पारियों में 5 बार नॉटआउट रहते हुए शानदार 2352 रन बनाए हैं। यही नहीं, इसमें सचिन का औसत भी 55 के ऊपर रहा है। टेस्‍ट क्रिकेट और वनडे क्रिकेट दोनों में मिलाकर सचिन ने ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ 17 शतक जड़े हैं, और इस मामले में वह दुनिया के किसी अन्‍य खिलाड़ी से मीलों आगे हैं।

बुरा दौर किस खिलाड़ी ने नहीं देखा है। सचिन इसके अपवाद नहीं हैं, लेक‍ि‍न क्रिकेट के मैदान पर कभी भी हार न मानने वाला इस शख्‍स ने हमेशा बेहतरीन कमबैक किया है। इसका सबसे ताजातरीन उदाहरण ऑस्‍ट्रेलिया में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ ही देखने को मिला। भारत 2004 में ऑस्‍ट्रेलिया दौरे पर थी। ठीक ऐसे ही, उस समय भी सचिन का बल्‍ला उनसे रूठा हुआ था। ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्‍ट मैचों की सीरीज में शुरूआत के तीनों टेस्‍ट में सचिन अपनी टीम के लिए कुछ खास नहीं कर सके थे। क्रिकेट विशेषज्ञ तो यहां तक कहने लगे थे कि सचिन का करियर अब अपने ढलान पर है, रनों के लिए उनकी भूख अब मिट हो चुकी है।

सिडनी के खूबसूरत मैदान पर सीरीज का आखिरी टेस्‍ट मैच शुरू हो चुका था। एक और नाकामयाबी सचिन के पूरे क्रिकेट करियर पर सवाल खड़े कर सकता था। ले‍किन क्रिकेट के इस अमूल्‍य सितारे ने 241 रन की एक जीवट भरी पारी खेल दी। यही नहीं, उस टेस्‍ट में भारत ने ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ टेस्‍ट मैचों में अपना सबसे बड़ा स्‍कोर भी बनाया। वो तो किस्‍मत भारतीय टीम के साथ नहीं थी, वरना हम मैच के साथ-साथ सीरीज भी अपने नाम कर वापस लौटे होते। लेकिन, तेंदुलकर की इस पारी ने ऑस्‍ट्रेलिया के बॉर्डर -गावस्‍कर ट्रॉफी को जीतने के सपने को चकनाचूर कर दिया और सीरीज 1-1 की बराबरी पर छूटी। इस सीरीज के बाद सचिन का बल्‍ला पाकिस्‍तान में भी अपने पूरे शबाब पर रहा और भारत ने पाकिस्‍तान को पाकिस्‍तान में ही हराकर सफलता की एक नई कहकहानी ‍अनी लिख दी।

सचिन इस समय भी बुरे दौर से तो नहीं ले‍किन खराब दौर से जरूर गुजर रहे हैं। क्रिकेट प्रशंसक तो यह दुआएं मांग रहे थे कि ब्रायन लारा का रिकार्ड सचिन श्रीलंका में ही तोड़ दें, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फिलहाल एक बार फिर यह मौका सचिन के सामने है। ऑस्‍ट्रे‍लियाई टीम चार टेस्‍ट मैचों की सीरीज खेलने के‍ लिए भारत दौरे पर आ रही है। अगर सचिन इस सीरीज में पूरी तरह फिट होने के साथ अपनी लय में आ गए, तो लारा का रिकार्ड तो ध्‍वस्‍त होगा ही साथ में ऑस्‍ट्रेलिया को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ऑस्‍ट्रेलिया जब पिछली बार भारत दौरे पर आई थी, तो भारत को हार का सामना करना पड़ा था। सचिन के रिकॉर्ड के अलावा यदि भारत इस हार का बदला चुका लेता है, तो यह सोने पर सुहागा जैसा होगा। फिलहाल इस सीरीज में सचिन अपनी पूरी रंगत में खेलें, हम तो यही कामना करते हैं।

1 comment:

Ravi Verma said...

काफी बढ़िया लेख लिखा है आप ने,आप इसी तरह लिखते रहे मेरी सुभकामना आप के साथ है