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Friday, September 19, 2008

कायम है सहवाग का खौफ


मोहम्‍मद निसार ट्राफी मैच के तीसरे दिन जिस अक्रामक अंदाज में बल्‍लेबाजी की, वह लाजबाब थी। इस छोटी, लेकिन आक्रामक पारी ने पाकिस्‍तानी खिलाडि़यों की पेशानी पर बल ला दिया था। जब तक सहवाग क्रीज पर थे उनके खौफ को विपक्षी खिलाडि़यों के चेहरों पर साफ पढ़ा जा सकता था।

मुकेश तिवारी
रणजी चैंपियन दिल्‍ली और कायदे आजम ट्रॉफी की विजेता सूई नार्दन गैस पाइपलाइन लिमिटेड के बीच हो रहे मोहम्‍मद निसार ट्राफी के चार दिवसीय मैच की पहली पारी में सहवाग बिना खाता खोले ऑउट हो गये थे। तब उनका महत्‍वपूर्ण विकेट लेने वाले इमरान अली ने कहा था कि मै सहवाग को भी अन्‍य सामान्‍य बल्‍लेबाजों की तरह ही मानता हूं। यह बात शायद सहवाग नामक आग को हवा देने के लिए काफी थी। सहवाग ने दूसरी पारी में 29 गेंदो पर ताबड़तोड़ 37 रन बना डाले जिनमें 6 दनदनाते चौके और एक लाजबाब छक्‍का शामिल था। उन्‍होंने इमरान (वही जो सहवाग को एक आम बल्‍लेबाज बता रहे थे) के एक ओवर मे 3 चौकों की मदद से 15 रन ठोक डाले। तब इमरान को ही नहीं, बल्कि पाकिस्‍तानी टीम को भी यह अहसास हो गया हो गया कि वे एक आम बल्‍लेबाज नहीं हैं। अवार्ड समारोह के दौरान पा‍किस्‍तान टीम के मैनेजर शहादत अली खान की टिप्‍पणी- सहवाग दुनिया के सबसे खतरनाक बल्‍लेबाज हैं- से यह जाहिर भी हो गया।

सहवाग हमेशा से किसी भी गेंदबाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहे हैं। सामने कोई भी गेंदबाज हो, सहवाग को कोई फर्क नहीं पड़ता, बस वे अपना नेचुरल गेम खेलते हैं, यानी गेंदबाज की कुटाई। शायद इसी लिए उन्‍हें ‘बेखौफ बल्‍लेबाज’ के नाम से पुकारा जाता है। इसका ताजातरीन उदाहरण श्रीलंका में देखने को मिला। अंजता मेंडिस दूसरे भारतीय बल्‍लेबाजों के लिए अबूझ पहेली बने रहे, वहीं सहवाग ने मेंडिस के खिलाफ अक्रामक नीति अख्तियार की और सफल भी हुए। मेंडिस को यह मानना पड़ा कि भारतीय बल्‍लेबाजों में सहवाग को गेंदबाजी करना सबसे ज्‍यादा मुश्किल था। इस बेजोड़ बल्‍लेबाज ने अपने पिछले 11 टेस्‍ट शतकों में 150 के ऊपर रन बनाये हैं, जो अपने-आप में एक रिकार्ड है।

खास कर पाकिस्‍तान के खिलाफ तो सहवाग का बल्‍ला बल्‍ला हमेशा बोला है। मुल्‍तान में पाकिस्‍तान के खिलाफ भारत की तरफ से पहला तिहरा शतक लगाकर सहवाग ने पाकिस्‍तानी खिलाडि़यों को अपने इस बेखौफ बल्‍लेबाजी का नमूना पहले ही दिखा दिया था। निसार ट्रॉफी की दूसरी पारी में सहवाग के ताबड़तोड़ 37 रन शायद पाकिस्‍तानी खिलाडि़यों को पिछली पारियों के मंजर याद दिलाने के लिए थे।

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