यह वो रिकॉर्ड है जिसे हासिल करने के सपने हर बल्लेबाज देखता है, लेकिन कुछ ही ऐसे हैं, जो वास्तव में इसे हासिल कर पाए हैं। 1968 में गैरी सोबर्स से शुरू हुई यह कहानी 2007 में युवराज सिंह तक आकर रुक जाती है।
मुकेश तिवारी
क्रिकेट के मैदान पर लगे चौके और छक्के लंबे समय से प्रशंसको का मनोरंजन करते आए हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि लंबे हिट्स लगाकर गेंद को बाउंड्री के बाहर भेजना केवल बल्लेबाज की आत्मसंतुष्टि भर नहीं होती। बल्कि ये वो संतुष्टि होती है, जो मीलों दूर बैठे लाखों लोगों को भी उछलने-कूदने को मजबूर कर देती है। और बात यदि छह गेंदों पर छह छक्के लगाने की हो तो क्रिकेट के मैदान पर रोमांच और आक्रामकता का इससे अच्छा उदाहरण शायद ही कुछ और हो। लेकिन कम ही ऐसे लोग हैं, जो अब तक ऐसा कर पाने में सफल रहे हैं।
वनडे और टी-ट्वेंटी की बढी लोकप्रियता ने पिछले कुछ सालों में हमें इस लम्हे को जीने के मौके जरूर दिए हैं, लेकिन यह कभी नहीं भुलाया जा सकता कि पहली बार यह कारनामा वेस्टइंडीज के गैरी सोबर्स ने किया था। 1968 में जब सोबर्स ने मैल्कम नाश की छह गेंदों पर छह छक्के लगाए थे, तो क्रिकेट के लिए यह एक अनोखी घटना थी।
हालांकि उनके बाद पहले रवि शास्त्री ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट और फिर हर्शेल गिब्स एवं युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनके कारनामे को दुहराया, लेकिन सोबर्स के उन छह छक्कों की लोकप्रियता में अभी भी कोई कमी नहीं आई है।
कोई आश्चर्य नहीं कि पूर्व इंग्लिश खिलाड़ी डेविड लॉयड ने इन्हीं छह छक्कों की याद ताजा करते हुए एक किताब लिखी है। 'सिक्स ऑफ द बेस्ट: क्रिकेट्स मोस्ट फेमस ओवर' नाम की इस किताब में लॉयड ने न केवल इस यादगार ओवर की छह गेंदों के बारे में बताया है, बल्कि उस समय मैदान पर मौजूद रहे लोगों से बातचीत कर इसे एक बार फिर से जीने की कोशिश की है।
40 साल पहले वेस्टइंडीज के इस धाकड़ बल्लेबाज ने मैल्कम नाश के एक ओवर में छ: छक्के लगाकर तहलका मचा दिया था। उस समय टीवी पर कमेंट्री कर रहे विल्फ वूल्मर ने कहा था मैदान के बाहर से सोबर्स के उस अक्रामक अंदाज को देखना वाकई में अद्भुत था। सोबर्स के बाद यह कारनामा रवि शास्त्री ने 1984 में एक रणजी मैच के दौरान कर दिखाया।
शास्त्री ने बड़ोदरा के लेफ्ट आर्म स्पिनर तिलकराज के एक ओवर में 36 रन बटोर कर काफी वाहवाही लूटी थी। उनकी लोकप्रियता रातोंरात ही असमान छूने लगी और कुछ समय के लिए ही सही, लेकिन रवि के उन छह छक्कों ने सोबर्स की याद को कहीं पीछे छोड़ दिया।
हालांकि, इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार यह रिकॉर्ड हासिल करने वाले खिलाड़ी हैं दक्षिण अफ्रीका के हर्शेल गिब्स, जिन्होंने 2007 के विश्वकप में नीदरलैंड के डैन वॉन बंज की छह गेंदों पर छह छक्के लगाए थे। फटाफट क्रिकेट के नए अवतार 20-20 को इसके लिए ज्यादा प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ी। 2007 में ही खेले गए पहले टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह लगातार छक्के लगाकर युवराज ने अपना नाम रिकॉर्ड बुक्स में दर्ज करा लिया।